श्रमिक महिला के प्रसव पर उसे डेढ़ माह की मजदूरी घर बैठे दी जाती है।
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गौरतलब है कि मिल में 19 नवंबर से काम बंद है और श्रमिक बिना मजदूरी घर पर बैठे हैं।
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अब वह खाने-पीने से बची मजदूरी घर ले जाने के लिए जमा कर रहा है और जो कुछ इनाम में मिल जाता है, उससे पुत्र के लिए एक टोपी और कुरता बनाने की इच्छा रखता है।